B R Ambedkar - Jayanti



बाबासाहेब नाम से विख्यात महान व्यक्तित्व वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की आज जयंती है। अपने संपूर्ण जीवन को एक कुशल व संगठित समाज बनाने के लिए अर्पित कर देने वाले बाबा साहेब का यह समाज सदैव ऋणी रहेगा। हमेशा समानता के पक्षधर रहे अंबेडकर ने दलित समाज को हाशिए की जमीन से उठा कर बराबरी का दर्जा दिया।  बापू ने तो 1930 में सत्याग्रह शुरू किया था पर बाबासाहेब ने 1927 में महाड सत्याग्रह छेड़ दिया था। संविधान निर्माता के रूप में हो....दलित समुदायों के नेताओं......रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्माण में मुख्य प्रेरणा स्रोत हो या एक विचारक......सभी रूपों में बाबासाहेब ने एक राष्ट्र के प्रति सच्चे नागरिक की भांति अहम भूमिका निभाई। मजदूरों के मसीहा के रूप में उन्होंने श्रमिकों के कार्य करने के समय को निर्धारित करने का कानून बनाया ताकि इस वर्ग का शोषण ना हो। आज के कुटिल समाज पर उनके शब्द कड़ा प्रहार करते हैं उन्होंने लिखा था कि "शिक्षा तभी पूरी होती है जब उससे बराबरी का ज्ञान होता है जहां ऊंच-नीच का ज्ञान आए वह अज्ञानता है" आज समाज में धर्मों के आपसी टकराव से  मनुष्य के मध्य वैचारिक मतभेद हैं जो समय-समय पर हिंसा का रूप ले बैठते हैं। असल बात तो यह है कि आज का मनुष्य धर्म की परिभाषा ही नहीं जानता  कहीं ना कहीं बाबा साहेब की धार्मिक समझ आज खत्म होती जा रही है। अंबेडकर जी ने कहा था कि "कोई भी समाज शिक्षा में कितना आगे जाता है इस पर ही उस समाज की प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है।" ऐसे दूरदर्शी विचारक, महान पुरूष को हमारा नमन है।

https://youtu.be/LcozviG4XDQ

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